देश और दुनिया नॉर्वे, जहाँ सूर्यास्त नहीं होता ! कितनी अद्भुत बात है कि हमारी पृथ्वी पर जहाँ लगभग हर जगह दिन और रात का होना प्रतिदिन की प्रक्रिया है वहीं पृथ्वी के ही किसी एक भाग में कुछ ऐसे देशों का समूह है जहाँ साल के आधे समय में केवल दिन और आधे समय में केवल रात रहती है। ज़रा सोच कर देखिये कैसे वहां रहने वाले लोग दिन में ही रात की तरह सो जाते हैं और रात में काम के लिए निकलते हैं! कैसे उन्होंने अपनी दिनचर्या को प्रकृति के हिसाब से ढाला हुआ है जो इस बात का संकेत देती है कि मनुष्य किसी भी परिस्थिति के अनुसार ढल सकता है। इसे भूगोल की भाषा में मानव का प्रकृतिकरण कहते हैं। चलिए आज हम एक ऐसे देश के बारे में जानने का प्रयास करते हैं जहाँ हमारे देश की तरह हर रोज़ दिन-रात नहीं होते। जी हाँ, नॉर्वे एक ऐसा ही देश है! आज मैं नॉर्वे के बारे में चर्चा करूंगी जिसे हम अंग्रेज़ी में 'लैंड ऑफ़ द मिडनाइट सन' कहते हैं। आखिर उसे ऐसा क्यों कहते हैं ? चलिए जानते हैं .... हम इसको भूगोल की दृष्टि से समझने का प्रयास करेंगे। यहाँ हमें दो बातें याद रखनी हैं - पहली बात है पृथ्वी का अक्षीय झुकाव और दूसरी बात
वर्षों तक भूगोल का अध्ययन एवं अध्यापन करने के परिणामस्वरूप प्रकृति के प्रति मेरा रुझान बढ़ा है । इसी के तहत, मुझे पृथ्वी के लिए अपनी जिम्मेदारी का एहसास भी होता है । इस ब्लॉग का मूल ध्येय आज की पीढ़ी में प्राकृतिक वातावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। मेरा यही प्रयास रहा है कि यहाँ लिखा गया हर लेख स्पष्ट और प्रासंगिक हो। यहाँ पर विचारों को इस तरह से प्रस्तुत किया गया है कि पाठक हर लेख के पीछे निहित उद्देश्य को सरलता से समझ सकें और जीवन में अपनाने का प्रयास कर सकें।