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नीम की कहानी

नीम की कहानी  ज़रा सोच कर एक ऐसे वृक्ष का नाम बताईये जिसके फल, पत्ते, फूल, तने की छाल सब कुछ कड़ुआ है परन्तु हर एक चीज़ असामान्य गुणों से भरपूर है..... जी हाँ, मुझे विश्वास है कि आपने नीम के बारे में ही सोचा होगा।  आज हम उसी वृक्ष की चर्चा करने वाले हैं। सर्वप्रथम मैं नीम के बारे में कुछ जानी मानी  बातों का ज़िक्र करने वाली हूँ। जैसे, अक्सर हमने हिंदी साहित्य में नीम की चर्चा इस तरह से होते हुए देखी है जहाँ उसके गुणों को लेकर कहावत और मुहावरे प्रचलित हुए हैं, कविता रची गयी है, किस्से कहानियां कही गयीं हैं। जिसके कुछ उदाहरण नीचे पेश हैं -  * कहावत के तौर पर हमने सुना है -     '  एक तो  करेला दूजे नीम चढ़ा ' * शिव मंगल सिंह सुमन जी की कविता की पंक्तियों में कहा गया है -      हम बेहटा जल पीने वाले       मर जायेंगे भूखे प्यासे       कहीं भली है कटुक निबोरी       कनक कटोरी की मैदा से      हम पंछी उन्मुक्त गगन के      पिंजर बंद न गए पाएंगे।  * बड़े-बूढ़े आशीर्वाद  देते हुए कहते हैं -      'कडुंए नीम ते ऊ बड़ौ होय' * पहलोटी बेटी को कड़वा फल कहा जाता है।  तो सबसे पहले आपको बता दूँ कि जि