पेड़ पौधों की दुनिया कदम या वृत्तपुष्प वृक्ष यह कदम का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे। मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे धीरे। . ले देती यदि मुझे बांसुरी तुम दो पैसे वाली। किसी तरह नीची हो जाती यह कदम डाली। सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित यह कविता हम सभी ने पढ़ी है और इस कविता ने कभी न कभी आप में भी कदम के वृक्ष को जानने की उत्सुकता को बढ़ाया होगा ! हो सकता है कि यह बात सभी पर लागू न हो परन्तु मुझ जैसे प्रकृति प्रेमियों के लिए तो यह एक आम बात है। मेरे लिए इस कविता के अर्थ को समझने से ज्यादा यह ज़रूरी था कि मै कदम के पेड़ के बारे में खोजना शुरू करूँ। और आज का यह लेख उसी छान-बीन पर आधारित है। यहाँ मैं अपनी खोज के कुछ तथ्य आपके सामने पेश करूंगी। उम्मीद है कि एक भूगोलवेत्ता के दृष्टिकोण से लिखा गया ये लेख आपकी जानकारी को बढ़ाने में मदद करेगा। कदम का पेड़ उष्ण सदाबहार वनस्पति की प्रजाति का वृक्ष है। तो इससे हम यह अंदाज़ा लगा सकते हैं कि यह पेड़ उन देशों में पाया जाता है जो कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच में स्थित हों। यानि कि अधिकांश दक्षिणी और दक्षिण- पूर्वी एशियाई देशों में ये वृक्ष पाया
वर्षों तक भूगोल का अध्ययन एवं अध्यापन करने के परिणामस्वरूप प्रकृति के प्रति मेरा रुझान बढ़ा है । इसी के तहत, मुझे पृथ्वी के लिए अपनी जिम्मेदारी का एहसास भी होता है । इस ब्लॉग का मूल ध्येय आज की पीढ़ी में प्राकृतिक वातावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। मेरा यही प्रयास रहा है कि यहाँ लिखा गया हर लेख स्पष्ट और प्रासंगिक हो। यहाँ पर विचारों को इस तरह से प्रस्तुत किया गया है कि पाठक हर लेख के पीछे निहित उद्देश्य को सरलता से समझ सकें और जीवन में अपनाने का प्रयास कर सकें।