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बांग्लादेश की नदियाँ

देश और दुनिया  
नदियों का देश : बांग्लादेश  

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बांग्लादेश भले ही एक छोटा सा देश है जो केवल 1,48,460 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है परन्तु वहां पर दुनिया की सर्वाधिक नदियां बहती हैं। अर्थात वहां ज़मीन का बहुत सारा हिस्सा नदियों से ढका हुआ है। वैसे तो इस देश में कुल मिलकर कितनी नदियां है इस बात पर विशेषज्ञों में मतभेद है। जैसे, हाल में किये गए सर्वेक्षण के अनुसार कुछ का मानना है कि वहां 310 नदियां बहती हैं। दूसरी ओर अन्य विशेषज्ञों के अनुसार वहां 405 नदियां बहती हैं। यदि इतिहास को टटोला जाये तो वहां पर 700 से अधिक नदियों के बहने का उल्लेख किया गया है। नदियों की कुल संख्या को लेकर जो एक और बात गौर करने वाली है वह यह कि कहीं पर एक ही नदी के अलग-अलग जगह पर अलग-अलग नाम हैं और उसकी गिनती अलग-अलग नदी के रूप में ही की गयी है। मतलब कि नदियों की कुल संख्या की सूची में एक ही नदी अलग-अलग नाम से कई बार शामिल हुई है। संख्या चाहे जो भी हो 300, 400 या फिर 700, उस देश के क्षेत्रफ़ल के हिसाब से तो बहुत ज्यादा है। परन्तु दुःख की बात यह है कि बदलते समय के साथ इनमें से कई नदियों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। इसके कई कारण बताये जाते हैं। जैसे कई नदियों का सही ढंग से रख रखाव नहीं किया गया, कुछ ने अत्यधिक प्रदुषण से दम तोड़ दिया, कुछ विलुप्त हो गयीं और कुछ का ज़रुरत से ज़्यादा दोहन किया गया।


चलिए अब आपको बता दूँ कि बांग्लादेश में इतनी सारी नदियां क्यों है? इसके दो प्रमुख कारण हैं: पहला ये कि भारत के उत्तर पूर्वी राज्य प्रमुखतः मेघालय की पहाड़ियों से जो नदियां निकलती हैं वे दक्षिण की तरफ ढलान की वजह से बांग्लादेश की तरफ निकल जाती हैं। दूसरा कारण है वहां बहने वाली असंख्य वितरण नदियां। इसे इस तरह समझना होगा। विश्व की दो बड़ी नदियां समुद्र में मिलने से पहले वहां पर आपस में जुड़ती हैं, वे हैं गंगा जिसे वहां पद्मा कहा जाता है एवं ब्रह्मपुत्र की एक शाखा जिसे जमुना कहते हैं जो बाद में मेघना नामक नदी में जा मिलती है। ये दो विशाल नदियां जब भारत की सीमा पार कर बांग्लादेश में उत्तर पूर्व और पश्चिम दिशा से बहते हुए पहले आपस में मिलती हैं और एक नदी बन जाती हैं जिसे सुरमा-मेघना के नाम से पुकारा जाता है, ये अपने मुहाने पर दुनिया का सबसे बड़ा डेल्टा बनाती हैं। वह है सुंदरबन डेल्टा। यह डेल्टा विश्व का सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला डेल्टा भी है। ये नदी अपने मुहाने पर पहुंचने से पहले और मुहाने पर पहुंचकर कई छोटी छोटी शाखाओं में विभाजित हो जाती है और वितरण नदियों के रूप में बहती है। यही नदियाँ, नदियों की कुल संख्या में इज़ाफ़ा कर देती हैं। वहां की नदियों की एक और विशेषता है कि वे प्रायः अपना प्रवाह परिवर्तन करती हैं जिससे लोगों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। 

बांग्लादेश की कुछ प्रमुख नदियां हैं - हल्दा, कर्णफूली, सांगू, सुरमा, जमुना, पद्मा, मेघना, करतोया, अतराई, गुरगुमारी, भद्रा, चित्रा, धालेश्वरी, रूपशा, तीस्ता, गोमती, महानंदा, इच्छामती, गड़ाई आदि। ऐसी और भी कई सारी नदियाँ इस देश से होकर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं और इस देश को नदियों के देश का खिताब प्रदान करती हैं। इतनी सारी नदियों की वजह से इस देश की मिट्टी  बहुत उपजाऊ है और नदियां यातायात का अत्यंत महत्वपूर्ण माध्यम हैं। 

एक और जानकारी जिसे जानकर आपको अचरज होगा कि भारत से 54 नदियां निकलकर बांग्लादेश में चली जाती हैं और तीन नदियाँ म्यांमार से बहते हुए बांग्लादेश पहुँचती हैं। मतलब, कुल मिलाकर 57 नदियां दूसरे देशों से बहते हुए वहां पहुंचती हैं। इस जानकारी से हम इस बात का बखूबी अंदाज़ा लगा सकते हैं कि भारत से निकलने वाली कितनी ही नदियां बांग्लादेश की जीवन रेखा बन गयी हैं। इस कारण से मुझे ऐसा लगता है कि बांग्लादेश को इन नदियों को साझा धरोहर समझकर हमेशा सहेज कर रखना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि आप लोग मेरी इस बात से सहमत होंगे।


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