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देश भक्ति समूह गान

आज का दिन   समूह गान को समर्पित  'हिन्द देश के निवासी, सभी जन एक हैं । रंग रूप वेश भाषा , चाहे  अनेक  हैं .............' आप में से कितने लोगों ने स्कूल में ये गीत गाया है ? ज़ाहिर सी बात है कि ७०-९० के दशक में केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाले सभी लोग इस गीत से भली भांति परिचित होंगे !  आज यूँ ही बैठे-बैठे अपने स्कूल के  दिनों में गाये इस गीत की याद आ गयी और लगा कि इसके बारे में कुछ लिखना चाहिए क्यूंकि इसका हमारे यानि केंद्रीय विद्यालय के भूतपूर्व छात्रों के  जीवन और सोच पर अत्यंत गहरा प्रभाव रहा है। भले ही आपने इसे महसूस न किया हो परन्तु इस लेख के अंत तक आप मेरी बात से सौ फीसदी सहमत हो जायेंगे।  आज की इस  बातचीत से आप में से बहुत से लोग खुद को जोड़ पायेंगे बशर्ते कि आप मेरी तरह किसी केंद्रीय विद्यालय के छात्र रहे हों।  आज मुझे स्कूल में होने वाली सुबह की प्रार्थना सभा याद आ गयी। हमारे स्कूल की प्रार्थना सभा में शारीरिक व्यायाम पर बहुत ज़ोर दिया जाता था। सर्दी हो या गर्मी, धूप या बरसात, प्रार्थना सभा होती  ही थी और व्यायाम उसका अभिन्न हिस्सा भी होता ही था। व्यायाम करने के पश्चात् हम