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पॉल विडाल डी ला ब्लाश

भूगोलशास्त्री   पॉल विडाल डी ला ब्लाश  (पेज़ेन्स, २२ जनवरी १८४५ - ५ अप्रैल १९१८ ) विडाल डी  ला ब्लाश प्रमुख फ़्रांसिसी भूगोलशास्त्री थे। भूगोल के क्षेत्र में उनके द्वारा किया गया कार्य सराहनीय है। वे भूगोल में अपने योगदान की वजह से न केवल फ़्रांस में बल्कि समस्त विश्व में प्रख्यात हैं। इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि उनकी किताबों को केवल फ्रेंच भाषा में ही नहीं बल्कि अंग्रेजी भाषा में अनुवाद करके इस्तेमाल में लाया जाता है।  ब्लाश के कार्य निम्नलिखित बिंदुओं में संग्रहित हैं - उन्हें आधुनिक फ्रेंच भूगोल का संस्थापक माना जाता है।  उन्होंने फ़्रांसिसी भू-राजनीति की भी संस्थापना की थी।   उनके प्रकाशित कार्यों में १७ पुस्तकें, १०७ लेख, २४० समीक्षा और विवरण शामिल हैं। इनमे से कुछ का अंग्रेजी अनुवाद भी उपलब्ध है।  उनके हिसाब से किसी स्थान पर रहने वाले लोगों की जीवन शैली वहां के समाज, अर्थव्यवस्था, लोगों की विचारधारा और मानसिक स्थिति से प्रभावित होती है और इसका प्रभाव वहां के परिदृश्य पर भी देखने को मिलता है। जिसका अर्थ है कि मानव अपनी समझ बूझ से प्रकृति को अपने हिसाब से इस्तेमाल में लात

मोहम्मद अल इदरीसी

भूगोल शास्त्री    मोहम्मद अल इदरीसी   (सेउता  ११०० C.E.- ११६५/६६ C.E.)  आज हम चर्चा करेंगे एक अत्यंत प्रख्यात भूगोल शास्त्री की जो मूलतः अरब से थे। उनका भूगोल के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आधुनिक युग में प्रयोग किये जाने वाले मानचित्रों को बनाने के लिए जिस नींव की आवश्यकता थी उसे उन्होंने स्थापित किया था। उनका जन्म अफ़्रीकी महाद्वीप में स्थित सेउता नामक जगह पर हुआ था। अल इदरीसी को उनके समय के विख्यात भूगोलविद्द, कार्टोग्राफर और मिश्रविज्ञान के ज्ञाता (इजिप्टोलॉजिस्ट) के रूप में माना जाता है।  चलिए उनके द्वारा किये कार्यों पर एक नज़र डालते हैं : १.अपने जीवन काल के शुरूआती दिनों में उन्होंने कई जगहों का स्वयं दौरा किया और उसका प्रारूप  तैयार किया। इसका अभिलिखित रूप दूसरे भूगोलशस्त्रियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दस्तावेज़ रहा है जिसे आज भी इस्तेमाल किया जाता है।  २. उनके टेबुला रोजेरिआना नाम के दस्तावेज़ में विश्व के कई देशों की व्याख्या उनके मानचित्रों के संग्रह के साथ प्रस्तुत किया गया है।  ३. उन्होंने अफ्रीका, हिन्द महासागर और सुदूर पूर्व में बसे देशों की जानकारी को संग्रहित

टॉलेमी

भूगोल शास्त्री - टॉलेमी  (c. 100 CE - c. 170 CE) टॉलेमी को न केवल एक महान गणितज्ञ और ज्योतिषी के रूप में जाना जाता है बल्कि उन्हें एक भूगोलवेत्ता के रूप में भी माना जाता है। उन्होंने कई ग्रंथ लिखे हैं जिसकी वजह से उन्हें अपने युग के महान दार्शनिक के रूप में स्थापित किया जा सकता है। यहाँ हम उनकी चर्चा एक भूगोलवेत्ता के रूप में करेंगे। वैसे तो उन्होंने कई विषयों में उल्लेखनीय किताबें लिखी हैं परन्तु उनमें से तीन में उन्हें बहुत प्रशंसा और पहचान मिली है और उन तीन में से एक भूगोल विषय पर है। इसे लैटिन भाषा में जियोग्राफिया और कोस्मोग्राफिया के रूप में जाना जाता है। यह पुस्तक दूसरी शताब्दी के रोमन साम्राज्य के भौगोलिक ज्ञान का संकलन है। भूगोल के क्षेत्र में उनके कुछ योगदान: उन्होंने स्थान को नामित करने के लिए निर्देशांक का इस्तेमाल किया और पृथ्वी के भू-गर्भ मॉडल को प्रस्तुत किया। उन्होंने भूमध्य रेखा के संदर्भ में ग्लोब पर अक्षांशों के अंकन का उपयोग शुरू किया, जिसका आज तक पालन किया जाता है। उन्होंने नक्शे बनाने की तकनीकों का वर्णन किया। हालाँकि उन्होंने कहा था कि दुनिया का अस्तित्व या मनुष्

स्ट्राबो

  भूगोल शास्त्री - स्ट्राबो  (c. 63 BC - c. AD 24, Amaseia) स्ट्रैबो एक ग्रीक भूगोलवेत्ता, दार्शनिक और इतिहासकार थे। उन्हें देश विदेश की यात्रा करने का बहुत शौक़ था। उनके अभियान का उद्देश्य था पूरी पृथ्वी को जानना। उन्होंने अपनी यात्राओं से तीन प्रमुख महाद्वीपों- अफ्रीका, यूरोप और पश्चिमी एशिया में दूर-दूर के कई क्षेत्रों को अच्छी तरह से देखा था और उनके बारे में जानकारी बटोरी थी। इसका उल्लेख उनकी किताबों में पाया गया है। उन्होंने मिस्र, टस्कनी, इथियोपिया, गायरोस, फिलै का पता लगाया और अपनी टिप्पणियों को दर्ज किया जो उनकी पुस्तक में संकलित और प्रकाशित की गई हैं। भूगोल में उनका प्रमुख योगदान निम्नलिखित हैं: उन्होंने 'जियोग्राफिका' पुस्तक लिखी थी जो 17 पुस्तकों में विभाजित है। उन्होंने किसी क्षेत्र की स्थिति और स्थान का वर्णन करने के लिए गणितीय गणना देने के बजाय स्थान के स्पष्टीकरण के लिए वर्णनात्मक दृष्टिकोण का समर्थन किया। उनके काम का व्यापक रूप से मानवशास्त्रीय अध्ययन के लिए उपयोग किया जाता है। उनकी किताबें इतिहास, लोग, रक्षा, राजनीति, समाज, शहरों, संस्कृति और अपने युग की अर्थव्य

इराटोस्थेनेस

भूगोल शास्त्री - इराटोस्थेनेस      (c. 276 BCE- c.194 BCE, Cyrene) इराटोस्थेनेस  एक वैज्ञानिक, गणितज्ञ, लेखक, कवि और एक खगोलशास्त्री थे। उन्होंने आधुनिक भौगोलिक अध्ययनों को एक ठोस आधार प्रदान करने के लिए विशिष्ट भूमिका निभाई है। उन्हें एक भूगोलवेत्ता के रूप में माना जाता है क्योंकि उन्होंने भूगोल के अध्ययन के क्षेत्र में निम्नलिखित योगदान दिया है : उन्होंने 'भूगोल' शब्द गढ़ा है।  वे पृथ्वी की परिधि का माप देने वाले पहले व्यक्ति थे जो सटीक आकार के बहुत करीब है। उन्होंने पृथ्वी के अक्ष के झुकाव को मापा है। उन्होंने एक पुस्तक कैटस्टरिज़म लिखी थी जो नक्षत्रों की व्याख्या करती है। उन्होंने अक्षांश और देशांतर की अवधारणा को आगे बढ़ाया। उन्होंने दुनिया के प्रक्षेपण का विकास किया। गणित और भूगोल के क्षेत्रों में उनके अधिकांश काम संकलित किए गए हैं जिसे प्लिनी, पॉलीबियस, स्ट्रैबो और मार्सियानस जैसे कई ग्रीक लेखकों और इतिहासकारों ने सार्वजनिक पटल पर लाने का काम किया है। लेकिन दुखद बात यह है कि यह सब उनकी मृत्यु के बाद हुआ है। कोई भी भूगोलवेत्ता उनके द्वारा किये गए काम का सहारा लिए बिना भूगो