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मोहम्मद अल इदरीसी

भूगोल शास्त्री 
  मोहम्मद अल इदरीसी  
(सेउता  ११०० C.E.- ११६५/६६ C.E.) 


आज हम चर्चा करेंगे एक अत्यंत प्रख्यात भूगोल शास्त्री की जो मूलतः अरब से थे। उनका भूगोल के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आधुनिक युग में प्रयोग किये जाने वाले मानचित्रों को बनाने के लिए जिस नींव की आवश्यकता थी उसे उन्होंने स्थापित किया था। उनका जन्म अफ़्रीकी महाद्वीप में स्थित सेउता नामक जगह पर हुआ था। अल इदरीसी को उनके समय के विख्यात भूगोलविद्द, कार्टोग्राफर और मिश्रविज्ञान के ज्ञाता (इजिप्टोलॉजिस्ट) के रूप में माना जाता है। 

चलिए उनके द्वारा किये कार्यों पर एक नज़र डालते हैं :

१.अपने जीवन काल के शुरूआती दिनों में उन्होंने कई जगहों का स्वयं दौरा किया और उसका प्रारूप  तैयार किया। इसका अभिलिखित रूप दूसरे भूगोलशस्त्रियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दस्तावेज़ रहा है जिसे आज भी इस्तेमाल किया जाता है। 

२. उनके टेबुला रोजेरिआना नाम के दस्तावेज़ में विश्व के कई देशों की व्याख्या उनके मानचित्रों के संग्रह के साथ प्रस्तुत किया गया है। 

३. उन्होंने अफ्रीका, हिन्द महासागर और सुदूर पूर्व में बसे देशों की जानकारी को संग्रहित करने के पश्चात् उनको मानचित्र पर प्रदर्शित किया जो बाद में कई खोजकर्ताओं द्वारा बहुतायत से इस्तेमाल किया गया। उनके मानचित्र में सम्पूर्ण युरेशिआ और अफ्रीका का अधिकांश उत्तरी हिस्सा बहुत अच्छे ढंग से दिखाया गया है परन्तु दक्षिण पूर्वी एशिया का बहुत काम हिस्सा ही दिखाया गया है जो इस बात का प्रमाण है कि वे वहां की सटीक जानकारी नहीं जुटा पाए। उनके कुछ लेखों में अटलांटिक महासागर में स्थित कुछ द्वीपों का भी ज़िक्र मिला है। 

४. उन्होंने चीनी व्यापारियों और उनके द्वारा बेचे गए सामान की काफी प्रशंसा की है। चीनी रेशम पर उनके द्वारा की गयी विशेष टिप्पणी की वजह से चीनी व्यापारियों को अरब और उसके आसपास के देशों में व्यापार करने में काफी सहूलियत मिली।

५. उनके लेखों में कोरिया का भी उल्लेख मिलता है जिससे  अरब व्यापारियों को अपने व्यापार को वहां तक फैलाने में मदद मिली। 

६. उनके द्वारा लिखी क़िताब नज़हत अल मुश्ताक़ फिकतिराक़ अल अफाक को नौ भागों में बांटकर संग्रहित करके रखा गया है और इनमें से सात में मानचत्रों का भी प्रयोग किया गया है। उनके द्वारा लगभग ७० मानचित्र बनाये गए हैं। 

७. चूँकि उनसे पहले ही मानचित्र बनाने के लिए अक्षांश- देशांतर रेखाओं का प्रयोग होने लगा था इसलिए उनके मानचित्रों में भी इनका प्रयोग दिखता है। परन्तु जहाँ एक तरफ कुछ भूगोलविद्ध उनके कार्य की समालोचना करते हैं वहीं  दूसरी तरफ कुछ उनके कार्य की प्रशंसा भी करते हैं। 

८. ऐसा माना जाता है कि उनकी लिखी किताब अरबी भाषा में छपने वाली पहली किताबों में से एक है। 

ये थीं अल इदरीसी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जो मैंने अपनी समझ के अनुसार आपके सामने प्रस्तुत किया  है। एक भूगोलवेत्ता होने के नाते मेरे विषय क्षेत्र में किये गए सराहनीय कार्यों को आम लोगों तक पहुँचाना न केवल मेरी ज़िम्मेदारी है बल्कि मेरे लिए सम्मान की बात भी है। उम्मीद है कि आप इस जानकारी को पढ़ेंगे और अन्य  लोगों के साथ बाँटेंगे। 

धन्यवाद !!

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