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पेड़-पौधों की दुनिया : चक्र फूल

पेड़- पौधों की दुनिया 
 चक्र फूल 

अमूमन भारत के उत्तरी हिस्से में रहने वाले लोग चावल से ज्यादा रोटी खाना पसंद करते हैं और ऐसा होना लाज़्मी है क्यूंकि उत्तर भारत में गेहूं की खेती चावल की खेती से कहीं ज़्यादा होती है। चावल खाने वाले लोग हमारे देश के पूर्वी, उत्तर पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्र में ज्यादा हैं। इसी चावल से बनने वाली एक बहुत प्रचलित व्यंजन है बिरयानी, जिसका नाम सुनते ही मुँह में पानी आ जाता है, भूख तेज़ हो जाती है और खाते खाते पेट भले ही भर जाए  पर मन नहीं भरता। बिरयानी भारत के सभी क्षेत्रों में बड़े चाव से पकाई और खाई जाती है। इसकी बढ़ती लोकप्रियता इस बात से आंकी जा सकती है कि अब इसका शाकाहारी रूप भी पकाया जाने लगा है। चलिए अब भूमिका बांधना बंद करते हुए मुद्दे की बात करती हूँ। आज मैं इसी लोकप्रिय व्यंजन में इस्तेमाल होने वाले एक बहुत ही असाधारण मसाले के बारे में बात करना चाहती हूँ। ये मसाला है, चक्र फूल या अनसफल। तो आज का दिन, चक्र फूल अथवा अनसफल अथवा स्टार अनीस  से साक्षात्कार को समर्पित करते हैं।   


सबसे पहले, आज चक्र फूल के बारे में बात करने की वजह बताती चलूँ। दरअसल मेरी पहचान इस मसाले से नयी है। कुछ साल पहले तक मुझे इसके नाम के आलावा और किसी चीज़ के बारे में पता नहीं था।  बात आज से कुछ चार-पांच साल पहले की है। मेरे एक परिचित केरल घूमने गए थे। वे वहाँ से अपने सभी मित्रों को तोहफे के तौर पर देने के लिए मसाले लेकर आये थे। आप सभी मुझसे इस बात पर ज़रूर सहमत होंगे कि केरल में मिलने वाले गरम मसाले काफी महंगे होते हैं और किसी को तोहफे में देने के लिए ये मसाले किसी भी तरह से मामूली नहीं है। कम से कम मेरे लिए तो बिल्कुल भी नहीं। ये मामूली मसाले नहीं हैं इसका अंदाज़ा हम इस बात से लगा सकते हैं कि भारत  प्राचीन काल से विश्व में मसालों का बड़ा निर्यातक रहा है। अब मैं अपनी बात पर आती हूँ। तो तोहफे में मिले कई मसालों में से एक था यह चक्र फूल। जिसे मैंने पहले कभी नहीं देखा था। वैसे तो उसे पहली बार देखकर मैं बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं हुयी थी। परन्तु उसकी खुशबू ने मुझे ये अहसास करवा दिया था कि वह दूसरे मसालों से थोड़ा अलग हटकर है। जब मुझे उसके बारे में कुछ पता नहीं था, तो ज़ाहिर है कि उसके इस्तेमाल के बारे में भी मुझे कोई जानकारी नहीं थी। इसलिए मैंने उसके बारे में पता करना शुरू किया। वही जानकारी में आप सबको देना चाहती हूँ।  

चक्र फूल का पेड़ मूलतः उत्तरी वियतनाम और दक्षिण-पूर्वी चीन में पाया जाता है। यह सदाबाहर वनस्पति की प्रजाति का वृक्ष है। ये उप उष्ण- कटिबंधीय इलाक़ों में उगाया जाता है। अंग्रेजी में इसे स्टार अनीस कहते हैं जो इल्लिसियम वेरुम वृक्ष में उगने वाला फल है। यह फल, फूल के आकर का होता है जिसमें बीज होते हैं। इस फूलनुमा फल को पेड़ पर सूखने से पहले ही तोड़ लिया जाता है और उसे धूप में सुखा लिया जाता है। सूख जाने पर यह कठोर हो जाता है। इसका रंग गहरा भूरा हो जाता है। वैसे इसके ताज़े फूल का रंग सफ़ेद से लाल होता है। इसमें मुलैठी, लॉन्ग और दालचीनी की मिलीजुली सी सुगंध है जो बहुत ही तेज़ है। इसकी सुगंध की वजह से ये कई मांसाहारी व्यंजनों में पड़ने वाला प्रमुख मसाला है। यूरोपीय देशों में इसका इस्तेमाल ब्रेड और केक बनाने में भी किया जाता है। हमारे देश में इसका इस्तेमाल बिरयानी और मसाला चाय बनाने के लिए किया जाता है। इसका स्वाद मुलैठी से मिलता जुलता है। माना  जाता है कि इसमें मिठास की मात्रा बहुत अधिक है। तुलनात्मक रूप से ये चीनी से १० गुना ज़्यादा मीठा होता है। है न,अचम्भित करने वाली बात? व्यंजनों के आलावा इसका तेल बनाने में प्रयोग होता है। इसका तेल इत्र, साबुन, दंतमंजन और चेहरे पर लगाई वाली क्रीम के उत्पादन में काम आता है।  इसे सर्दी ज़ुकाम की दवा बनाने के लिए  उपयोग में लाया जाता है। 

तो आज का ज्ञान बस यहीं तक। उम्मीद है कि जब भी आप बिरयानी बनाएंगे तब मेरी लिखी बातें याद करेंगे। और ऐसा भी हो सकता है कि आपके घर में ये मसाला काफी समय से पड़ा हो पर आपने उसका इस्तेमाल न किया हो। तो जाइये और आज ही उसकी मसाला चाय बनाकर सबको पिलाइये या फिर उसे बिरयानी में डालकर सबको खिलाइये।  

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