भूगोल शास्त्री - स्ट्राबो (c. 63 BC - c. AD 24, Amaseia) स्ट्रैबो एक ग्रीक भूगोलवेत्ता, दार्शनिक और इतिहासकार थे। उन्हें देश विदेश की यात्रा करने का बहुत शौक़ था। उनके अभियान का उद्देश्य था पूरी पृथ्वी को जानना। उन्होंने अपनी यात्राओं से तीन प्रमुख महाद्वीपों- अफ्रीका, यूरोप और पश्चिमी एशिया में दूर-दूर के कई क्षेत्रों को अच्छी तरह से देखा था और उनके बारे में जानकारी बटोरी थी। इसका उल्लेख उनकी किताबों में पाया गया है। उन्होंने मिस्र, टस्कनी, इथियोपिया, गायरोस, फिलै का पता लगाया और अपनी टिप्पणियों को दर्ज किया जो उनकी पुस्तक में संकलित और प्रकाशित की गई हैं। भूगोल में उनका प्रमुख योगदान निम्नलिखित हैं: उन्होंने 'जियोग्राफिका' पुस्तक लिखी थी जो 17 पुस्तकों में विभाजित है। उन्होंने किसी क्षेत्र की स्थिति और स्थान का वर्णन करने के लिए गणितीय गणना देने के बजाय स्थान के स्पष्टीकरण के लिए वर्णनात्मक दृष्टिकोण का समर्थन किया। उनके काम का व्यापक रूप से मानवशास्त्रीय अध्ययन के लिए उपयोग किया जाता है। उनकी किताबें इतिहास, लोग, रक्षा, राजनीति, समाज, शहरों, संस्कृति और अपने युग की अर्थव्य
वर्षों तक भूगोल का अध्ययन एवं अध्यापन करने के परिणामस्वरूप प्रकृति के प्रति मेरा रुझान बढ़ा है । इसी के तहत, मुझे पृथ्वी के लिए अपनी जिम्मेदारी का एहसास भी होता है । इस ब्लॉग का मूल ध्येय आज की पीढ़ी में प्राकृतिक वातावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। मेरा यही प्रयास रहा है कि यहाँ लिखा गया हर लेख स्पष्ट और प्रासंगिक हो। यहाँ पर विचारों को इस तरह से प्रस्तुत किया गया है कि पाठक हर लेख के पीछे निहित उद्देश्य को सरलता से समझ सकें और जीवन में अपनाने का प्रयास कर सकें।